गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: ₹10 प्रति क्विंटल बढ़ा दाम, 80 करोड़ का भुगतान तय।

गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: ₹10 प्रति क्विंटल बढ़ा दाम, 80 करोड़ का भुगतान तय। गन्ने की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। इस बदलाव से न केवल किसानों की आय में इजाफा होगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। आइए जानते हैं इस नई घोषणा की मुख्य बातें।

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गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: ₹10 प्रति क्विंटल बढ़ा दाम, 80 करोड़ का भुगतान तय।

गन्ने की कीमत में ₹10 की बढ़ोतरी


गन्ने को कम जोखिम वाली फसल माना जाता है, और यही कारण है कि देशभर में बड़ी संख्या में किसान इसकी खेती करते हैं। यह चीनी का प्रमुख स्रोत होने के साथ-साथ कई उद्योगों के लिए रोजगार का जरिया भी है।हाल ही में राजस्थान सरकार ने गन्ने की कीमत में ₹10 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस कदम से गन्ना उत्पादकों की आय में लगभग 2 करोड़ रुपये का इजाफा होगा।

Note : गन्ना किसानों को राहत: खाते में ट्रांसफर हुए 14.13 करोड़ रुपये।

80 करोड़ रुपये का भुगतान होगा किसानों को


राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में इस साल गन्ने की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है। 2024-25 में यहां के 3,170 किसानों ने लगभग 19,004 बीघा जमीन पर गन्ने की फसल उगाई है।राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड इन किसानों से करीब 20 लाख क्विंटल गन्ना खरीदेगी। इसके बदले किसानों को 80.20 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। इससे किसानों को अपनी लागत निकालने के बाद भी अच्छा मुनाफा मिलेगा।

अगेती और पछेती गन्ने की कीमतें


राज्य सरकार ने गन्ने की अलग-अलग किस्मों के लिए नई कीमतें तय की हैं:

अगेती किस्म: ₹401 प्रति क्विंटल
मध्य किस्म: ₹391 प्रति क्विंटल
पछेती किस्म: ₹386 प्रति क्विंटल


इसके अलावा, जनवरी में गन्ने की कीमत में 11 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी पहले ही की जा चुकी थी। अब इस नई वृद्धि के साथ किसानों को पहले से बेहतर कीमत मिलेगी।

सरकार का उद्देश्य


राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस मूल्य वृद्धि को मंजूरी देते हुए कहा कि यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

संपर्क जानकारी:

निष्कर्ष


गन्ने की बढ़ी हुई कीमत न केवल किसानों के लिए लाभदायक है, बल्कि इससे गन्ना आधारित उद्योगों को भी मजबूती मिलेगी। इस निर्णय से किसानों को अपनी मेहनत का उचित फल मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।